छत्तीसगढ़ के टॉप 5 रहस्यमय स्थान।
छत्तीसगढ़ अपने अनसुलझे रहस्यों के लिए राज्य में ही नहीं बल्कि पुरे देश में प्रसिद्द है|यहाँ पर हमें अनेक रहस्यमई स्थान देखने को मिल जायेंगे|हम आज आप को छत्तीसगढ़ के 5 रहस्यमई स्थानों के बारे में बतायेंगे|
1.ठिनठिनी पत्थर:-छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के दरिमा में मौजूद ठिनठिनी पत्थर को अंतरिक्षा से गिरा हुआ उल्का पिंड माना जाता है| इन पत्थरो को किसी ठोस चीज़ से ठोकने से ध्वनि उतपन्न होती है||आश्चर्य की बात ये है की इसमें छह अलग अलग प्रकार की ध्वनि आती है,इसलिए इसे ठिनठिनी पत्थर कहा जाता है जो काफि रहस्यमई पत्थरो में से एक है।
2.तातापानी :-छत्तीसगढ़ के रहस्यों की धरती में एक रहस्य तातापानी के कुण्ड से निकलते गर्म पानी का है, इस कुण्ड से साल के 12 महीने गर्म पानी निकलता है जिसके कारण यह टूरिस्ट प्लेस बन गया है जिसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते है इस जगह पर 8-10 प्राकृतिक गर्म जल के कुंड है|तातापानी एक ऐसा जगह है जहा बिना किसी स्रोत के गर्म पानी निकलता है|लोगो का मानना है की चर्म रोग से पीड़ित व्यक्ति यदि इस कुण्ड में नहा लेता है तो उसे उस रोग से रहता मिलता है |वैज्ञानिको का मानना है की यह की जमीन में अधिक मात्रा में सल्फर पाया जाता है जिसके कारण वह का पानी गर्म हो जाता है| तातापानी बलरामपुर जिले से लगभग 12 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है|
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3.मंडीप खोल गुफा:-यह एशिया का सबसे बड़ा गुफा है ये गुफा साल में एक ही बार खुलता है|इस गुफा में पहुंचने के लिए आप को एक ही नदी सोलह बार पार करना पड़ता है जो किसी अद्भुत बात से काम नहीं है| इस गुफा के अंदर कोई चेम्बर नहीं है| जैसे ही आप इस गुफा के अंदर प्रवेश करेंगे आप को कड़के की ठण्ड का सामना करना पड़ेगा जो किसी रहस्य से कम नहीं है| इस गुफा के अंदर एक प्राचीन शिवलिंग है जिसकी रक्षा के लिए एक नाग यह कभी-कभी दिखाई पड़ता है|इसके साथ साथ यह पर आप को शेषनागऔर नन्दी जैसी आकृति दिखाई देती है जो काफी रहस्यमई है| यह गुफा साल के एक दिन सिर्फ अक्षय तृतीया के बाद आने वाले सोमवार को खोला जाता है|मंडीप खोल गुफा राजनांदगाव जिले के छुई खदान से लगभग 55 किलोमीटर की दुरी पर स्थितं है|
4.भूतेश्वर नाथ:-छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के मरौंदा गांव के घने जंगल में एक प्राकृतिक शिवलिंग है,जो भूतेश्वरनाथ नाम से जाना जाता है|यह विश्व का सबसे बड़ा प्राकृतिक शिवलिंग है, इस शिवलिंग की यह मान्यता है की हर साल इसकी लम्बाई 5 से 6 इंच बढ़ जाती है | यह जमीन से लगभग 18 फ़ीट ऊंचा और 20 फ़ीट गोलकार है| लोगो के मुताबिक यह सैकड़ो साल पहले शोभासिंह नाम का एक आदमी रहता था एक शाम को उसने अपने खेत से कुछ दुरी पर शिवलिंग के आकृति की एक टीले में साँड़ और शेर जैसे जानवर की आवाज सुनाई दी| शोभसिंह ने ये बात गांव वालो को बताई,उन्होंने इन जानवरो की खोज करने की कोशिश की लेकिन दूर दूर तक कोई जानवर नहीं मिला| तब लोगो की आस्था इस टीले के प्रति बढ़ने लगी और वे इसकी पूजा शिवलिंग के रूप में करने लगे| लोगो के मुताबिक इस शिवलिंग की उचाई पहले कम थी लेकिन वक्त के साथ इसकी उचाई बढ़ती गई| यह जगह गरियाबंद जिले से मात्रा 3 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है|
5.बाणासुर गुफ़ा:-बस्तर में कुछ ऐसे रहस्य हैं,जिनके बारे में आप शायद ही जानते है होंगे छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में बाणसुर ब्लाक के जंगल इलाके में एक रहस्यमई गुफा है जिसके अंदर कई सालो से शिवलिंग विराजित है जिस पर साल के 365 दिन प्राकृतिक रूप से शिवलिंग पर ही पानी रिसता है| जिससे हम ये कह सकते है की सालभर प्राकृति शिव का जल अभिषेक करती रहती है|लेकिन इस जल अभिषेक के लिए पानी कहा से आता है इसकी जानकारी अभी तक किसी को नहीं है|जल का रिसाव अलग अलग मौसम में अलग अलग होते रहता है |एक जन सुरुति के अनुसार कहा जाता है की इस गुफा में बाणासुर नामक राक्षस ने खुद को महान बनाने के लिए कई वर्षो तक तपस्या थी|यह स्थान घने जंगलो के बीच स्थित है|
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