Deja vu क्या होता है

क्या आप के साथ ऐसा हुआ है की आप किसी नई जगह पर गए हुए हो और आप को ऐसा फील हो की यहा पर आप पहले भी आ चुके हो पर आप को ये याद नहीं आता है की आप कब यहा पर आये हो या फिर आप दोस्तों के साथ हो और बाते कर रहे हो और अचानक आप को ऐसे लगने लगता है की आप ये बाते तो पहले भी कर चुके हो पर ये याद नहीं आता की कब।आप को पल भर के लिए ऐसा महसुस होता है की आप जो देख रहे हो या जो आप कर रहे हो वो आप पहले भी देख और कर चुके हो। बिलकुल वही चीज़े वही लोग वही माहोल सब कुछ जैसे कोई सपना हकीकत बन कर आप के सामने आ गया हो ऐसे में आप परेशांन हो जाते होंगे और आप को लगता होगा की ऐसे कैसे हो सकता है।


अगर आपको ऐसा फील हुआ हैं तो घबराने की कोई बात नहीं है आप अकेले ऐसे नहीं हो जिसको ये फील होता है दुनिया में 60-70 %लोग है जो ये फील किया है इसी फीलिंग को डेजवु के नाम से जाना जाता है आज हम इसी बात पर चर्चा करेंगे की डेजवु क्या होता है डेजवु क्यों होता है इससे संबधित कुछ रोचक जानकारी बातें और इसके पीछे साइकोलॉजिकल कारण क्या है।

deja vu काफी अजीब सा शब्द है ये फ्रेंच भाषा का एक शब्द है जिसका इंग्लिश में मीनिंग होता है already seen इसी से सम्बंधित दो फ्रेंच world और है presque vu जिसका मतलब होता है almost seen और jamains vu इसका मतलब होता है never seen . 

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deja vu क्या होता है 

सबसे पहली बात deja vu कोई mental  eliose या मेन्टल डिसऑर्डर नहीं है सिर्फ एक condition या फिर मेंटल स्टेट है जिसे काफी लोग फील करते है अपने भी शायद कभी ऐसा फील किया होगा इसको सामान्य शब्दो में समझे तो dejavu का मतलब होता है पहला देखा हुआ। अपने नाम से ही dejavu अपना काम रहा है। ये इंसान को अहसास दिलाता है की जो चीज वो अभी देख रहा है बोल रहा है महसूस कर रहा है वह पहले भी उसके साथ हो चुकी है ये अह्सास इतना ज्यादा शक्तिसाली होता है की हमारा दिमाग ये समझ नहीं पाता की पहले  ऐसा हुआ था की नही। 

deja vu  होता क्यों है 

deja vu होता क्यों है ये समझने के लिए बहुत सी theory का सहारा लिया गया जिसमे से कुछ का तो कोई मतलब ही नहीं निकलता जैसे की पुनर्जन्म। बहुत सारे लोगो का मानना होता है की deja vu में जो  फीलिंग आती है वो हमारे पिछले जन्म की यादें होती है जो अचानक हमारे दिमाग मे आ जाती है।ऐसे लोगो का कहना होता है की मरने के बाद लोग दोबारा जन्म लेते है और उसके पिछले जन्म की यादें उसके mind के एक हिस्से में जमा रहती है जो deja vu  के रूप बहार आ जाती है। साइन्टिफिकली और साइक्लोलॉजिकल इसका मतलब नहीं निकलता है।

dream based theory :इस theory की माने तो deja vu होने का कारण है हमारे सपने। इसमें होता क्या है की जब हम सोने से पहले जो सोचते है तो इस बात की सम्भवना बड़ जाती है की जो हमने सोचा है वही हमारे सपने में आये। सोने से पहले जो हम सोच रहे होते है असल में रियल life  से काफी हद तक रिलेटेड होता है। मानलो आप सोचते है की आप अपनी फैमेली के साथ घूमने जा रहे है तो हो सकता है आप अपने सपने में वही देखे।और जैसा की सुबह उठने तक हम सभी लोग अपना 90% सपना भूल चुके होते है तो रियल्टी में हम अपने faimily के साथ जब घूमने जाते है तब तो वो सपना हमारे सामने आने लगता है और हमें लगता है ये सब हम पहले कर चुके है और हमें ये याद् नहीं आ पाता की ऐसा कब हुआ था तो ये थी ड्रीम बेस्ड थ्योरी। 

glitch theory : ये बहुत ही complex और दिमाग घुमा देने वाली theory है इसलिए इसे  थोड़े आसान शब्दो में समझने की कोशिश  करते है useaiy deja vu हमरे लाइफ का एक छोटा सा मोमेंट है जिसको हम थोड़े ही टाइम के बाद भूल जाते है लेकिन ये थ्योरी कहती है की deja vu हमरे लाइफ  बहुत बड़ा और important पार्ट होती है और ये थ्योरी dream besad theory को denay करती है इस theory का मन्ना है की deja vu कोई सपना नहीं बल्कि रियल्टी है और अल्बर्ट आइंस्टाइन ने कहा था ”TIME IS AN ILLUSION ”इस बात का meaning तो कुछ और था लेकिन इस थ्योरी में कहा जाता है की इस दुनिया में time जैसा कुछ नहीं होता है। टाइम एक भ्रम है जिसे इन्सान की लाइफ को आसान बनाने के लिए use किया जाता है।वही ये थ्योरी कहती है की समय एक छल है और deja vu  हमें इस छल से निजात दिलाता है इस थ्योरी में कहा जाता है की पास्ट,प्रेजेंट और फ्यूचर तीनो को एक साथ जीते है इसलिए जब हमें deja vu का आभाष होता है तब हमें ऐसा लगता है की ये सब पहले भी हो चूका है।glitch का मतलब ही होता है रुकावट या गड़बड़ तो ये रूकावट हमें अपने डेली लाइफ को रियल्टी से एक break देती है। जिसे deja vu कहा जाता है।

इन थ्योरी के आलावा और भी रीज़न दिए गए  है deja vu के जिसमे इसे parallel universe से जोड़ कर  देखते है वही कुछ लोग इसे paranormal activity मानते है यानि की भुत प्रेत आत्म जैसा मनाते है और कुछ लोग इसे six sens से जोड़ कर भी देखते है। 

अब आते है उस थ्योरी में जो साइकोलोजी में deja vu होने के कारण को समझाती है dream besad theory भी साइकोलोजी के हिसाब से कुछ हद तक सही कही जा सकती है।लेकिन यह हम बात कर रहे है साइकोलोजी behind deja vu की। साइकोलोजी में कहा जाता है की deja vu होता है memory missmatch के कारण। memory missmatch की वजह से हमें लगता है की जो भी हम फील कर है या जो हम कर रहे है वो हम पहले भी फील कर चुके है deja vu का हमारे मेमोरी से क्या कनेक्शन है ये जानने के लिए हमे समझना होगा की हमारी मेमोरी काम कैसे करती है। तो आप को पता होगा की हमारे मेमोरी के दो पार्ट होते है पहला short term memory और दूसरा long term memory  

short term memory में बहार से आने वाला इन्फॉर्मेशन को अपने अंदर प्रोसेस किया जाता है और इसकी एक limmeted capicity होती है इस मेमोरी में जो इनफार्मेशन होती है वो जल्द ही गायब हो जाती है। और long term memory में ट्रांसफर हो जाती है और वही पर store हो जाती है long term मेमोरी की स्टोरेज कैपिसिटी अनलिमिटेड होती है इसके अंदर हमारे पुरे लाइफ की इन्फॉर्मेशन होती है जिस पर थोड़ा ध्यान देने पर रिकॉल किया जा सकता है और deja vu एक सर्किट ब्रेक जैसा होती है जो stm और ltm के बिच कनेक्शन के टूटने की वजह से होता है। deja vu में सेंसरी इन्वेर्यामेन्टल   इन्फॉर्मेशनस short term memory को बायपास कर के डायरेक्ट long term memory  चली जाती  है जिससे ये फील हमारे अंदर पैदा हो जाती है की हम जो भी कर रहे है वो हमने पहले भी किया था।  इसके अलावा एक और सिंपल सा रीजन माना जाता है वो है conscious mind और subconscious mind से सम्बंधित है। conscious mind और subconscious mind के बिच एक पतली सी परत होती है यानि जब conscious mind एक्टिव होती है तब subconscious mind इनएक्टिव रहता है लेकिन एक रेयर कंडीशन आती है जब subcoscious भी एक्टिव होता है और conscious भी एक्टिव रह जाता है ये एक रेयर कंडीशन  होती है और काफी कम समय तक रहती है ऐसी स्थिति में हमारा दिमाग कंफ्यूज हो जाता है पता नहीं कर पाता है की जो हम देख रहे है या जो भी हम सोच रहे  है वो रियल्टी  है या फिर एक सपना जिस वजह उसको लगता है की ये जो भी हम कर रहे है ये सब हम पहले भी कर चुके है। 

तो अब आपको समझ आ गया होगा की dejavu  होता क्या है। और ये क्यों होता है।

तो आप ने भी कभी ऐसा फील किया है तो घबराने की बात नहीं है क्योकि ये कोई मेन्टल प्रॉब्लम नहीं है ये बस एक मेंटल कंडीशन है। इससे डरने या घबराने की बजाय आप  इस एक्सप्रीएन्स को अपने आस पास के लोगो के साथ शेयर कीजिये जिससे आपकी गलतफहमी भी दूर हो जाय और सामने वाले की भी गलतफहमी भी दूर हो जाए। 

1 thought on “Deja vu क्या होता है”

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